सी.आई.ए व उसका मीडिया
ओबामा ! ईट का जवाब पत्थर से दिया जायेगा
लीबिया के सैनिक तानाशाह कर्नल गद्दाफी के सम्बन्ध में तरह–तरह के दुष्प्रचार सी.आई.ए के इशारे पर पश्चिमी मीडिया ने शुरू कर दिया है। मीडिया में छाप रहा है कि गद्दाफी ने कहा कि खून की होली खेलूँगा–लीबिया को जलाकर ख़ाक कर दूंगा–तीसरे विश्व युद्ध की आशंका जैसी अफवाहबाजी वाले समाचार सुर्ख़ियों में हैं। इन सब समाचारों को प्रसारित का मुख्य उद्देश्य यह होता है कि दुश्मन की शक्ल को राक्षस की शक्ल दे दो। वहीँ संयुक्त राष्ट्र व उससे जुड़े संगठन युद्ध स्तर पर लीबिया के खिलाफ अपना अभियान जारी रखे हुए हैं। यह संगठन भी अमेरिकी साम्राज्यवाद के हितों की रक्षा करने का कार्य करता है। मानवाधिकार, संप्रभुता, न्याय, लोकतंत्र जैसे शब्दों का इस्तेमाल यह संगठन अमेरिकन साम्राज्यवाद के विरोधियों को परस्त करने के लिये करते हैं।
ईराक, अफगानिस्तान में अमेरिकन सेनाओं ने जो भी कुछ किया है वह मानव इतिहास में राजसी प्रवित्तियों को मात करता दिखाई देता है। संयुक्त राष्ट्र संघ, अमेरिकी साम्राज्यवादियों के मित्रों को आज सबसे ज्यादा चिंता लीबिया की ही है। वह चाहते हैं की किसी भी तरह से लीबिया को अप्रत्यक्ष रूप से गुलाम बना कर उसकी प्राकृतिक संपदाओं को लूट सकें। इसके लिये नो फ़्लाई जोन जैसी कार्यवाहियां व अमेरिकन जहाजों का लीबिया की तरफ रवाना होना उनके मुख्य उद्देश्य की तरफ इंगित करता है। वहीँ ईरान ने खुलकर धमकी दी है कि यदि नाटो सेनाओं ने लीबिया पर सैन्य कार्रवाई की तो वहां उसके सैनिकों की कब्रगाह बन जाएगी। ईरान के राष्ट्रपति मुहम्मद अहमदीनेजाद ने धमकी दी कि यदि अमेरिका और उसके मित्र देशों ने उत्तरी अफ्रीका या फिर मध्य पूर्वी देशों में किसी पर भी हमला बोलने की कोशिश की, तो उन्हें करारा जवाब मिलेगा।
क्यूबा, वेनेजुएला, ब्राजील जैसे देशों ने भी अमेरिकी तानाशाही का विरोध किया है। इन देशों ने लीबिया को मित्र देशों का समूह गठित करने की बात भी कही है।
सुमन
लो क सं घ र्ष !
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