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भारत में विकास के लिये सरकार, राजनेता, नौकरशाह विदेशी निवेश के लिये विभिन्न देशों की यात्राएं, रात्रिभोज व तरह–तरह के उपाय करते रहते हैं विभिन्न प्रदेशों के मुख्यमंत्री भी औद्योगिक विकास व अन्य डेवेलपमेंट के लिये विदेशी कंपनियों के प्रमुखों, विदेशी राजनेताओं को आमंत्रित करते रहते हैं व उनका स्वागत सत्कार भी बड़े पैमाने पर करते हैं किन्तु इसके विपरीत भारतीय मूल के उद्योगपति भारत में जितना निवेश करते हैं उससे कहीं ज्यादा विदेशों में पूँजी निवेश करते हैं जिसका एक छोटा सा उदहारण यह है कि 2010–11 में सुरेश रुइया ने 1.2 बिलियन डालर विदेश में और देश में 200 मिलियन डालर, मुकेश अम्बानी 2011 में 5 बिलियन विदेश में और 2.7 बिलियन डालर देश में, रतन टाटा 2009–10 में 4 बिलियन डालर विदेश में और देश में 200 मिलियन डालर, अनिल अम्बानी 3 बिलियन डालर विदेश में 400 मिलियन डालर देश में, सुनील मित्तल 16 बिलियन डालर विदेश में और 2 बिलियन डालर देश में निवेश किया है। इस तरह के आंकड़े देखने के बाद सिर्फ इतना कहना ही पर्याप्त है की हम हैं हिन्दुस्तानी …………? लिये कटोरा हाथ
सुमन
लो क सं घ र्ष !
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